Friday, April 30, 2010


देश द्रोही

आज एक बार फिर एक भारतीय हाथ गैर मुल्क के लिये काम करता पाया गाया। 53 साल की भारतीय तहिला माधूरी गुप्ता पाकिस्तान खुफिया एजेन्सी आईएसआई के लिये काम करती पायी गयी है। वो पाकिस्तान के भारतीय दूतावास में बतौर मीडिया अधिकारी के तौर पर कार्यरत थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान को भारत के कई खुफिया जानकारिया मुहैया करवाई है। ये कयास लगाया जा रहा है कि वा ये काम पिछले दो सालों से कर रही थी। वे ये गोपनीय सूचनाये आईएसआई के किसी राणा नाम के व्यक्ति को दिया करती थी। माधुरी को दिल्ली के उनके घर से दो मोबाइल फोन, जिसमें से एक भारत और दूसरा पाकिस्तान का है, और सात महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ गिरफतार किया गया। माधुरी के गिरफ्रतारी के बाद पाकिस्तान में राॅ के इस्लामाबाद स्थित केन्द्र के प्रमुख आर के शर्मा की भूमिका भी शक के घेरे में आ गई है। इन पर आरोप है कि इन्होंने माधुरी को गोपनीय जानकारीया उपलब्ध्ध करी थी। मगर अभी यह स्पष्ट नही है कि शर्मा ने ये जानकारी माधूरी कि असलियत जानते हुये दी है या अनजाने में। अब अ्रगर बात माधुरी की जाये तो उन्हों तो उन्होने इस देश द्रोह की वजह अपनी पैसों की कमी और अपने उच्च अधकारियो का खराब रवैया बताया है और वो इसका बदला लेने के ईरादे से किया था। मगर सवाल इस बात का उठता है कि ये कहा तक सही है कि र्सिफ बदला लेने के लिये पूरे देश की सुरक्षा ताक पर रख दी जाये। अपने देश कि खूफिया जानकारीया दुसरे देश को बेच दी जाये। मै ये नही कहता कि माधुरी के साथ सही हुआ, मेरी सहानभूती है उन्के साथ मगर देश की सुरक्षा के साथ जो उन्होने किया वो कत्तयी माफ करने लायक नही है।

No comments:

Post a Comment