Friday, May 7, 2010


हवस को कलम की मार

रिंपा केस के बाद आरती के केस में भी कोहली दाषी

आखिरकार लंबे इन्जार के बाद सीबीआई के विशेष अदालत ने निठारी कांड के आरती केस में सुरेन्द्र कोली को दोषी पाया है। कोली को सात साल की आरती का अपहरण, बलातकार और हत्या का दोषी पाया है। उसकी सजा पर सुनवाई बुधवार को होगी।

कोली पर आरोप है कि उसने 25 सितंबर 2006 को आरती को अगवा कि और फिर बसके साथ बलातकार करने के बाद उसकी हत्या कर दी। आरती के पिता दुर्गा प्रसाद ने 26 सितंबर को नोएडा के सेक्टर 20 के पुलिस थाने में आरती की गुमशुदगी की रिर्पोट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने 29 दिसंबर 2006 को निठारी कांड का खुलासा किया और कोली को हिरायत में ले लिया।

सीबीआई ने आरती की पहचान डी-5 से बरामद कपडों के आधार पर की थी। बाद में सीबीआई ने आरती के पिता दुर्गा प्रसाद और भाई सूरज के खून के नमूने लिये थे। इसके बाद इन्हें हैदारबाद डीएनए टेस्ट के लिये भेजा था। काठी के पास नाले बरामद एक खोपडी से नमूना भी मिलाया था। सीबीआई ने आरती के हत्या के मामले में सुरेंद्र कोली को आरापी बनाया था।

सीबीआई के मुताबिक पंधेर की लोकेशन उनके मोबाइल फोन के मुताबिक विदेश में थी इस लिये उसे आरोपी नहीं थहराया जा सका। सीबीआई ने अपनी चार्टशीट में कोली को आरोपी माना था। स्थानिय पुलिस के केस हाथ में लेते ही सीबीआई ने पंधेर को क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन आरती के पिता दुर्गा प्रसाद की माने तो दोनो ही सीबीआई और स्थानिय पुलिस पंधेर को बचाने की कोशिश कर रही है। इसी कडी में सीबीआई ने दुर्गा प्रसाद का बयान भी बदल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई ने मुझसे सादे कागज पर जबरन दस्तखत करवाया। दुर्गा प्रसाद के वकील ने बताया कि कोर्ट ने पंधेर को क्लीन चिट न दिये जाने अपील को यह कह कर खारिज कर दिया कि आवेदन फैसला दिये जाने के बाद आया है इसलिये इसमें कोई कानूनी दम नहीं है।

निठारी पीडित नाखुश

आरती के केस में सिर्फ सुरेंद्र को सजा मिलने से निठारी कांड के पीडित नाखुश हैं। उनका कहना है कि असली मुजरिम तो पंधेर है जिसे पुलिस और सीबाआई बचाने की कोशिश कर रही है। आरती के पिता दुर्गा प्रसाद का कहना है कि वह पंधेर को सजा दिलाने के लिये हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं।

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