Sunday, May 2, 2010

माधुरी गुप्ता................ सिकुडती खबर

अखबारों में खबरों का बहाव देख कर कभी कभी बडा आष्र्चय होता है। एक वक्त जो खबर अखबारों में सूखियों में होती है वही खबर वक्त बीतने के बाद उन्हीं अखबारों में अपनी जगह तलाषती नजर आती है। इस पर मीडिया विषेषज्ञों का कहना है कि खबरों का प्रवाह इतना जादा होता है कि छोटी खबरें तो इसमें फस कर बह जाती हैं मगर बडी खबरें कुछ दिनों तक टिकी रहती हैं। मगर अंत में उनका भी हाल बाकी खबरों कि तरह ही होता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला माधुरी गुप्ता प्रकरण में भी। जब ये मामला प्रकाष में आया तब मीडिया चैनलों और अखबारों खूब सुर्खिया बटोरी मगर जैसे जैसे दिन बीतते गये ये खबर पहले पन्ने से खिसक कर सातवे पन्ने पर पाई गई। जहा पहले इस प्रकरण ने अखबारों के कई कालमों की जगह पाई थी वहीं आज इस खबर को सातवे पन्ने पर एक कालम में समेट दिया गया। आज खबर आई है कि माधुरी ने पाकिस्तानी खुफिया संगठन आई एस आई के आकाओं के नामों का खुलासा किया है, जिनसे वह सम्र्पक में रहा करती थी।

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